मुजफ्फरपुर। बिहार में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा आज मुजफ्फरपुर पहुँच रही है। इस यात्रा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव, वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी, भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन शामिल हो रहे हैं। स्टालिन का स्वागत आज दोपहर 3 बजे बखरी स्थित राधाहरी ऑटोमोबाइल के पास किया जाएगा।
सनातन धर्म विवाद से जुड़े रहे स्टालिन
एम.के. स्टालिन 2023 में तब सुर्खियों में आए थे, जब उनके बेटे और मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया और डेंगू से करते हुए इसे समाप्त करने की बात कही थी। उस बयान को लेकर देशभर में विवाद खड़ा हुआ था। मुख्यमंत्री स्टालिन ने भी बेटे के बयान का समर्थन किया था, जिसके बाद पूरे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई थी।
कांग्रेस और राहुल गांधी की चुप्पी
कांग्रेस के कई नेताओं ने उस समय इस बयान का विरोध किया था, लेकिन राहुल गांधी और पार्टी हाईकमान ने इस पर कुछ भी कहने से परहेज किया। अब राहुल गांधी खुले तौर पर एम.के. स्टालिन के साथ बिहार की इस यात्रा में मंच साझा कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या यह कदम महागठबंधन के नेताओं को भारी पड़ सकता है।
बिहार के वोटरों की प्रतिक्रिया पर नज़र
बिहार में बड़ी संख्या में सनातन धर्म मानने वाले वोटर हैं। साथ ही, तमिलनाडु में बिहारियों के साथ दुर्व्यवहार और हमले की घटनाओं को लेकर पहले से ही नाराज़गी देखी गई है। ऐसे में मुजफ्फरपुर में स्टालिन का आना और उनका स्वागत होना, आने वाले विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की रणनीति को कितना प्रभावित करेगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।
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