पटना/वाराणसी।
राजनीति और पारिवारिक टकराव के बीच एक बार फिर तेजप्रताप यादव चर्चा में हैं। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव द्वारा पार्टी और परिवार से बाहर किए जाने के बाद तेजप्रताप अब आध्यात्म की राह पर नजर आ रहे हैं। शनिवार को वे काशी पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार में पूजा-अर्चना की और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगा। दर्शन के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा —
"बाबा के चरणों में सुकून है, और जवाब भी।"
प्रेम से शुरू, राजनीति तक पहुंचा पारिवारिक तनाव
कुछ दिन पहले तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेमिका अनुष्का यादव संग रिश्ते का खुलासा किया था। इस पोस्ट ने जहां उनके निजी जीवन को सुर्खियों में ला दिया, वहीं परिवार के भीतर हलचल मचा दी। जल्द ही लालू यादव ने बड़ा कदम उठाते हुए तेजप्रताप को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया और पारिवारिक संबंध भी तोड़ दिए। यह खबर सोशल मीडिया से लेकर मेनस्ट्रीम मीडिया तक छा गई।
“जयचंद” और “गोदी मीडिया” पर हमला
बुधवार रात तेजप्रताप ने अपने सोशल मीडिया पर पिता लालू यादव के साथ एक पुरानी तस्वीर साझा करते हुए लिखा:
"हद हो गई अब तो, इस जयचंद ने तो कुछ गोदी मीडिया वालों के साथ मिलकर ये अफवाह भी उड़ा दी है कि मैं कोई नई राजनीतिक पार्टी बना रहा हूँ... बिहार की जनता से अपील है कि ऐसी भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें। जय हिन्द, जय बिहार, जय राजद।"
इस पोस्ट से यह स्पष्ट संकेत मिला कि तेजप्रताप अब भी अपने परिवार और पार्टी के प्रति भावनात्मक जुड़ाव रखते हैं, भले ही उन्हें औपचारिक रूप से बाहर कर दिया गया हो।
आगे क्या?
तेजप्रताप की बढ़ती सोशल मीडिया सक्रियता और तीर्थस्थलों की यात्राएं यह संकेत देती हैं कि वे फिलहाल आत्ममंथन की स्थिति में हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो तेजप्रताप आने वाले समय में या तो सुलह का रास्ता तलाशेंगे या फिर किसी नई राजनीतिक राह पर चल सकते हैं।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या राबड़ी देवी और लालू यादव अपने इस जिगर के टुकड़े को वाकई खुद से दूर रख पाएंगे, या परिवार में एक बार फिर से मेल-मिलाप की शुरुआत होगी।
बिहार दस्तक डेस्क
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