मुजफ्फरपुर: चर्चित बालिका गृह कांड से जुड़े स्वाधार गृह मामले में मुजफ्फरपुर कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपियों ब्रजेश ठाकुर, मधु, और कृष्णा को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया। यह फैसला पुलिस और जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है।
ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपी फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद थे। स्वाधार गृह मामले में उन्हें विशेष रूप से मुजफ्फरपुर कोर्ट में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करने में नाकाम रहा।
फैसले के बाद उठे सवाल
कोर्ट के इस फैसले ने पुलिस और जांच प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या मामले की सही जांच नहीं हुई? क्या साक्ष्यों को सही ढंग से जुटाया और प्रस्तुत नहीं किया गया? ये सवाल अब जनता और सामाजिक संगठनों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोग इसे न्याय की जीत बता रहे हैं, जबकि अन्य इसे पुलिस की विफलता करार दे रहे हैं। सामाजिक संगठनों ने इस मामले की पुनः जांच और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।
बालिका गृह कांड के साथ-साथ स्वाधार गृह मामले का यह फैसला न्यायिक और प्रशासनिक तंत्र के लिए गंभीर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह है कि इस फैसले के बाद आगे की कार्रवाई किस दिशा में जाती है।
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