मुजफ्फरपुर: बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियाँ तेज़ हो चुकी हैं और राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर लगातार जारी है। मुजफ्फरपुर (94) विधानसभा क्षेत्र, जो राजनीतिक दृष्टि से हमेशा ही चर्चाओं में रहा है, वहां इस बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
वर्तमान में इस सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजेंद्र चौधरी विधायक हैं। उन्होंने 1995 से लेकर अब तक कुल पाँच बार विधानसभा चुनाव लड़ा है। इनमें से चार बार उन्हें जनता ने अपना समर्थन दिया और वे विजयी हुए। केवल 2015 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता सुरेश कुमार शर्मा के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हालाँकि, 2020 में उन्होंने फिर से जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पकड़ को साबित कर दिया। विजेंद्र चौधरी की पहचान एक अनुभवी और जनप्रिय नेता के रूप में रही है।
लेकिन इस बार कांग्रेस आलाकमान की रणनीति कुछ नई दिशा में जाती दिख रही है। पार्टी के भीतर कई नए नाम तेजी से उभर रहे हैं, जिनमें सबसे चर्चित नाम हैं — कृपा शंकर शाही और डॉ. गौरव वर्मा।
कृपा शंकर शाही काँटी प्रखंड के प्रमुख हैं। वे पार्टी के पुराने और समर्पित कैडर माने जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी गहरी पकड़ और युवाओं के बीच लोकप्रियता ने उन्हें एक मजबूत दावेदार बना दिया है। शाही लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं और स्थानीय मुद्दों को जोर-शोर से उठा रहे हैं। इससे उनका जनाधार लगातार बढ़ता जा रहा है।
दूसरी ओर, एक नया और युवा चेहरा डॉ. गौरव वर्मा इस बार कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर सबसे आगे बताए जा रहे हैं। डॉ. गौरव वर्मा एक प्रतिष्ठित चिकित्सक होने के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने गरीबों और जरूरतमंदों के बीच मुफ्त चिकित्सा सेवा और स्वास्थ्य जागरूकता अभियान चला कर अपनी अलग पहचान बनाई है। यही वजह है कि शहर और गांव, दोनों जगहों में उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है।
बिहार दस्तक के सूत्रों के अनुसार, डॉ. गौरव वर्मा के नाम पर पार्टी आलाकमान में गंभीर विचार चल रहा है। बताया जा रहा है कि कई वरिष्ठ डॉक्टर और बुद्धिजीवी वर्ग उनके लिए दिल्ली तक पैरवी कर रहे हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स भी इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि डॉ. वर्मा का नाम इस दौड़ में सबसे आगे चल रहा है।
वहीं, पुराने और अनुभवी नेता विजेंद्र चौधरी को नजरअंदाज करना भी कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा। उनकी लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक यात्रा और कार्यकर्ताओं पर उनकी मजबूत पकड़ को देखते हुए कई नेता उनके पक्ष में हैं।
अब सवाल यह है कि कांग्रेस आलाकमान अनुभव और पुराने जनाधार पर भरोसा करेगा, या फिर युवा चेहरे को मौका देकर नई राजनीति की ओर कदम बढ़ाएगा। एक तरफ अनुभवी विजेंद्र चौधरी, दूसरी तरफ जनता के बीच मजबूत पकड़ रखने वाले कृपा शंकर शाही और तीसरी तरफ सेवा और लोकप्रियता में तेजी से उभरते डॉ. गौरव वर्मा।
इस सियासी उलझन में मुजफ्फरपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता और जनता दोनों ही पार्टी के अंतिम फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। कौन होगा मुजफ्फरपुर विधानसभा से कांग्रेस का चेहरा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
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