बिहार में शुरू हुआ “विराट भूमिदान जागरण अभियान”, 7 अगस्त को होगा भव्य आयोजन


पटना।
बिहार में सामाजिक जागरूकता और सेवा की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए “विराट भूमिदान जागरण अभियान” की शुरुआत की जा रही है। यह अनूठा अभियान लोगों को भूमि दान, शिक्षा और समाज सेवा के महत्व से जोड़ने का कार्य करेगा। अभियान के आयोजकों का कहना है कि इसका मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करना और सामूहिक प्रयास से सामाजिक विकास की दिशा में ठोस कदम उठाना है।

अभियान के संयोजकों ने जानकारी दी कि 7 अगस्त 2025 को बिहार भूमिदान जागरण यात्रा का भव्य आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम तक चलेगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, विचार गोष्ठियां और जनजागरूकता रैलियां आयोजित की जाएंगी। इन कार्यक्रमों के माध्यम से भूमि दान के महत्व और समाज में शिक्षा व सेवा कार्यों की भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा।

अभियान का उद्देश्य
अभियान का मुख्य लक्ष्य लोगों को यह संदेश देना है कि भूमि केवल भौतिक संपत्ति नहीं बल्कि समाज के विकास और जरूरतमंदों की सेवा के लिए एक साधन भी हो सकती है। आयोजकों का कहना है कि इस अभियान के जरिए यह भावना लोगों में विकसित की जाएगी कि निःस्वार्थ भाव से समाज के लिए कुछ करना ही सच्ची सेवा है।

जनभागीदारी पर जोर
आयोजकों ने बिहार के सभी जिलों के निवासियों से अपील की है कि वे इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। अभियान के आयोजकों का मानना है कि जब समाज के सभी वर्ग एक साथ आएंगे, तभी एक मजबूत और प्रगतिशील बिहार का निर्माण संभव हो सकेगा।

विशेष आकर्षण
इस यात्रा में भाग लेने वालों को सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षाविदों और प्रेरक वक्ताओं के विचार सुनने का अवसर मिलेगा। साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बिहार की लोक संस्कृति और परंपराओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा।

आयोजकों का संदेश
अभियान के संयोजक ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल भूमि दान तक सीमित नहीं है। हम चाहते हैं कि समाज में सेवा भाव और सामूहिक विकास की भावना को बढ़ावा मिले। यह अभियान बिहार को एक नई दिशा देने का प्रयास है।”

7 अगस्त को होने वाला यह कार्यक्रम बिहार में सामाजिक जागरूकता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। आयोजकों ने सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं और आम नागरिकों से इस अभियान में भाग लेकर इसे सफल बनाने की अपील की है।






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