पांचवीं और आठवीं की परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को नहीं मिलेगा प्रमोशन

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा): केंद्र सरकार ने कक्षा 5 और 8 के छात्रों के लिए लागू "अनुत्तीर्ण न करने की नीति" को समाप्त कर दिया है। अब जो छात्र वर्ष के अंत में आयोजित परीक्षा में असफल होंगे, उन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति के लिए अतिरिक्त निर्देश और पुनः परीक्षा का अवसर दिया जाएगा। अगर वे इसमें भी असफल रहते हैं, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।

राजपत्र अधिसूचना के मुख्य बिंदु:

  1. पुनः परीक्षा का अवसर: परिणाम घोषित होने के दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का आयोजन होगा।
  2. कक्षा में रोकने का प्रावधान: पुनः परीक्षा में भी असफल होने पर छात्रों को वर्तमान कक्षा में ही रोक दिया जाएगा।
  3. स्कूल से निष्कासन नहीं: प्रारंभिक शिक्षा के दौरान किसी भी छात्र को स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा।

अधिसूचना के तहत दिशानिर्देश:

  • स्कूल प्रधानाचार्य पढ़ाई में पिछड़ने वाले छात्रों की सूची बनाएंगे और उनकी प्रगति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी करेंगे।
  • यह नीति केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सैनिक स्कूलों जैसे 3,000 से अधिक केंद्र सरकार संचालित स्कूलों पर लागू होगी।

राज्यों की स्थिति:

शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, 16 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों ने पहले ही यह नीति समाप्त कर दी है। इनमें बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात, तमिलनाडु, और दिल्ली शामिल हैं। हरियाणा और पुडुचेरी इस पर विचार कर रहे हैं, जबकि बाकी राज्यों ने इस नीति को जारी रखा है।

सरकार की मंशा:

इस कदम का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना है। अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय छात्रों की शिक्षा में सुधार और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुजफ्फरपुर के जाने-माने शिक्षक एवं सृजन कॉमर्स के संचालक प्रणव झा ने सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हुए कहा की "यह नीति छात्रों को उनकी क्षमता के अनुसार शिक्षित करने और शिक्षा प्रणाली को अधिक जिम्मेदार बनाने में सहायक होगी।"






Post a Comment

0 Comments