मुजफ्फरपुर: बाबा गरीबनाथ मंदिर की उपयोग में दी गई जमीन पर बिहार स्टेट वक्फ ट्रिब्यूनल ने दावा किया है। वक्फ बोर्ड का कहना है कि मंदिर की भूमि, जो नैब तहसीलदार के नाम पर दर्ज है, वक्फ संपत्ति का हिस्सा है।
ट्रिब्यूनल के इस दावे के बाद जिला प्रशासन ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। नगर आयुक्त के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाकर मामले की जांच की जाएगी। यह भूमि 2022 में श्री गरीबनाथ मंदिर न्यास समिति को सौंप दी गई थी और इसके उपयोग की अनुमति भी दी गई थी।
वक्फ ट्रिब्यूनल का दावा
वक्फ ट्रिब्यूनल ने आरोप लगाया है कि 1989 में दी गई यह भूमि वक्फ संपत्ति थी, जिसे मंदिर के उपयोग के लिए गलत तरीके से हस्तांतरित किया गया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि इससे संबंधित सभी दस्तावेजों की गहन जांच होनी चाहिए।
प्रशासन की कार्रवाई
जिलाधिकारी ने बताया कि मामले में सभी संबंधित पक्षों से दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। साथ ही नगर निगम की भूमिका की भी जांच की जाएगी। मंदिर प्रबंधन समिति और वक्फ बोर्ड के बीच इस मामले को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
आगे की प्रक्रिया
अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा। प्रशासन का कहना है कि किसी भी पक्ष के अधिकारों का हनन नहीं होने दिया जाएगा।
इस विवाद से स्थानीय लोगों में भी चर्चा तेज हो गई है, और मामले को लेकर सांप्रदायिक तनाव की आशंका जताई जा रही है।
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