नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 10 दिसंबर 2024 को केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से उनके दिल्ली स्थित कार्यालय में मुलाकात की। इस दौरान उनके साथ महाराष्ट्र के मालेगांव से विधायक मुफ्ती इस्माइल कासमी, एआईएमआईएम महाराष्ट्र के अध्यक्ष इम्तियाज जलील और एडवोकेट मोमिन मुजीब अहमद समेत 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मौजूद था।
मालेगांव पावरलूम उद्योग की समस्याओं पर चर्चा
मुलाकात का मुख्य उद्देश्य मालेगांव के पावरलूम उद्योग से जुड़ी समस्याओं को केंद्रीय मंत्री के सामने रखना था। असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा, "प्रतिनिधिमंडल ने गिरिराज सिंह को मालेगांव के 5 लाख पावरलूम यूनिट की समस्याओं से अवगत कराया और उनसे इस क्षेत्र का दौरा करने का अनुरोध किया।"
गिरिराज सिंह ने दिया समाधान का भरोसा
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे मालेगांव पावरलूम उद्योग की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करेंगे और जल्द समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।
क्यों खास है मालेगांव का पावरलूम उद्योग?
मालेगांव भारत का प्रमुख पावरलूम केंद्र है, जहां लाखों लोग इस उद्योग पर निर्भर हैं। बिजली की समस्याएं, कच्चे माल की बढ़ती कीमतें, और सरकारी योजनाओं का अभाव इस उद्योग के सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
राजनीतिक हलचल का संकेत?
असदुद्दीन ओवैसी और गिरिराज सिंह की मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में भी चर्चा छेड़ दी है। दोनों नेता अक्सर अपनी राजनीतिक बयानबाजी के लिए सुर्खियों में रहते हैं, ऐसे में यह मुलाकात कई राजनीतिक समीकरणों को जन्म दे सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुलाकात का फोकस आर्थिक और औद्योगिक समस्याओं पर था, लेकिन इसका राजनीतिक असर भी हो सकता है। मालेगांव के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
आगे क्या?
अब सबकी नजर इस बात पर है कि गिरिराज सिंह मालेगांव पावरलूम उद्योग के लिए क्या कदम उठाते हैं और क्या वे मालेगांव का दौरा करेंगे। अगर यह मुद्दा सुलझता है, तो यह न केवल मालेगांव के उद्योगपतियों के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय स्तर पर पावरलूम उद्योग के लिए एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जाएगा।
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