MLC Election Update: निर्दलीय उम्मीदवार वंशीधर ब्रजवासी ने तिरहुत एमएलसी चुनाव में सबको पछाड़ा, केके पाठक से भी टकरा चुके हैं

तिरहुत स्नातक एमएलसी चुनाव की मतगणना के नतीजे चर्चा का विषय बने हुए हैं। अब तक के नतीजों में निर्दलीय प्रत्याशी और शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने सबको चौंका दिया है। 70 हजार से अधिक वोट पड़े इस चुनाव में पहले और दूसरे राउंड की गिनती पूरी हो चुकी है, जिसमें वंशीधर सबसे आगे चल रहे हैं।

वंशीधर ब्रजवासी की बढ़त

पहले राउंड में वंशीधर ने 3133 और दूसरे राउंड में 3047 वोट हासिल किए हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंदी जन सुराज के विनायक गौतम हैं, जिन्हें पहले राउंड में 1610 और दूसरे राउंड में 1645 वोट मिले। वंशीधर के अलावा जेडीयू के अभिषेक झा और आरेडी के गोपी किशन भी मैदान में हैं, लेकिन अभी तक वे पिछड़ते नजर आ रहे हैं।

कौन हैं वंशीधर ब्रजवासी?

वंशीधर ब्रजवासी शिक्षक नेता के रूप में लंबे समय से चर्चाओं में हैं। वे पहली बार तब सुर्खियों में आए जब शिक्षा विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक से उनके विवाद ने तूल पकड़ा। इस टकराव के बाद वंशीधर को निलंबित कर दिया गया था।

शिक्षकों और स्नातकों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले वंशीधर ने अपनी प्राथमिकता हमेशा स्पष्ट रखी है। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान दावा किया था कि 60 हजार से अधिक शिक्षक उनके समर्थन में हैं। वंशीधर ने चुनाव जीतने पर शिक्षकों और स्नातकों के अधिकार दिलाने, सरकारी वादों को लागू करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का वादा किया था।

तिरहुत एमएलसी चुनाव का महत्व

यह चुनाव तिरहुत क्षेत्र के लिए बेहद खास है। यह सीट जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। 5 दिसंबर को शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, और वैशाली जिलों के 197 बूथों पर मतदान हुआ था। करीब 48% मतदाताओं ने वोट डाले।

मतगणना का अपडेट

एमआईटी, मुजफ्फरपुर में 20 टेबलों पर वोटों की गिनती जारी है। हर चक्र में 500 मतपत्रों की गिनती हो रही है। कुल 8 राउंड में मतगणना पूरी होगी। वंशीधर ब्रजवासी की लगातार बढ़त ने उन्हें चुनावी चर्चा का केंद्र बना दिया है।

वंशीधर ब्रजवासी के चुनावी वादे और उनके संघर्ष का इतिहास बताते हैं कि यह चुनाव केवल जीतने की नहीं, बल्कि एक नई व्यवस्था बनाने की उनकी कोशिश है।





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